Friday, June 15, 2012

rti news:amar ujala lucknow edition 13 june 12 page 24 :ऐश्वर्या ने पूछा था बापू को किसने बनाया राष्ट्रपिता:तीन महीने बाद सूझा जवाब!

 
ऐश्वर्या ने पूछा था बापू को किसने बनाया राष्ट्रपिता
तीन महीने बाद सूझा जवाब!
आलोक पराड़कर
लखनऊ। नगर की बाल आरटीआई कार्यकर्ता ऐश्वर्या पाराशर के राष्ट्रपिता से जुड़े सवाल का राष्ट्रीय अभिलेखागार सन्तोषजनक जवाब नहीं दे सका था लेकिन राजकीय अभिलेखागार में उसने एक पत्र जरूर प्रदर्शित किया है जिसे इस सवाल से जोड़कर देखा जा सकता है। हालांकि अभिलेखागार के अधिकारी इस बारे में टिप्पणी नहीं कर रहे लेकिन देश भर में चर्चा बटोरने वाले इस बाल आरटीआई कार्यकर्ता के शहर में इस पत्र को खास तौर पर प्रदर्शित करने के पीछे यही खास वजह मानी जा रही है। यह पत्र महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता सम्बोधित करने के इतिहास से जुड़ता है। यह पत्र अन्तरराष्ट्रीय अभिलेख दिवस के अवसर पर राजकीय अभिलेखागार में आयोजित प्रदर्शित है। इस प्रदर्शनी में कई राज्यों के अभिलेख प्रदर्शित हैं। शहीद स्मृति भवन में 15 जून तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में राष्ट्रीय अभिलेखागार ने नेताजी के एक पत्र को विशेष तौर पर गांधी जी और नेताजी जी के चित्र के साथ प्रदर्शित किया है। इस पत्र पर कोई तिथि अंकित नहीं है लेकिन इसे 'रक्षा मंत्रालय की गैर वर्गीकृत फाइलों से नेताजी का गांधी जी को राष्ट्रपिता सम्बोधित करते हुए भेजा गया संदेश' शीर्षक के साथ प्रदर्शित किया गया है। पत्र में आजाद हिन्द फौज के बारे में गांधी जी को जानकारी दी गयी है। हालांकि पूरे पत्र में जगह-जगह गांधी जी को महात्मा जी कहकर सम्बोधित किया गया है लेकिन अन्त में नेताजी लिखते हैं, 'फादर ऑफ अवर नेशन, इन दिस होली वॉर फॉर इण्डियाज लिबरेशन, वी आस्क फॉर योर ब्लेसिंग्स एण्ड गुड विसेज'।
राष्ट्रीय अभिलेखागार के सहायक निदेशक चन्द्रमणि कहते हैं कि माना जाता है कि गांधी जी को राष्ट्रपिता कहने की शुरूआत नेताजी सुभाषचन्द्र बोस द्वारा की गयी थी। यह पत्र इसका महत्वपूर्ण प्रमाण है। उधर, नगर के वरिष्ठ गांधीवादी विचारक रामप्रवेश शास्त्री भी मानते हैं कि नेताजी ने ही इस सम्बोधन की शुरूआत की थी। कई इतिहासकारों ने भी अपनी पुस्तकों में इसका उल्लेख किया है।
 
 

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