Wednesday, June 27, 2012

लखनऊ के जिलाधिकारी अनुराग यादव के तुगलकी फरमान से महकमों के कर्मचारी कर रहे धड़ल्ले से वसूली और सुविधा शुल्क के आधार पर दे रहे दुकानदारों को स्थान

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डीएम साहब के नाम पे, सड़क बेचो तान के

जागरण संवाददाता, लखनऊ : एसएसपी कहते हैं कि डीएम साहब के निर्देश हैं कि
पहले फल मंडी के दुकानों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था हो फिर उन्हें हटाया
जाए। ऐसे में कार्रवाई कैसे हो? डीएम साहब का यह पत्र पुलिस और नगर निगम
दोनों के लिए कार्रवाई से बचने का कारगर हथियार बन गया है। जिम्मेदार
महकमों के कर्मचारी अब यहां धड़ल्ले से वसूली कर रहे हैं और सुविधा शुल्क
के आधार पर दुकानदारों को स्थान दे रहे हैं। यही पत्र अब पटरी दुकानदारों
के लिए रामबाण हो गया है। नतीजा यह है कि दो दिन पहले तक शहीद स्मारक के
सामने जो फल मंडी अव्यवस्थित सी लग रही थी। अब वह भव्य रूप ले चुकी है।
यह अलग बात है कि शाम को यह फल मंडी यातायात जाम और अव्यवस्था की मुख्य
वजह गई है। नबी उल्लाह रोड क्रासिंग से रेजीडेंसी मोड़ के बीच
पेट्रोमैक्स की रोशनी में बीस से चालीस फीट तक फैली दुकानें। उन पर सजे
फल और मुख्य मार्ग के किनारे वाहनों की कतार। रोज शाम का यही नजारा है।
इसके लिए प्रतिदिन वसूली भी हो रही है।खरीदारों की भीड़ के कारण कार्यालय
छूटने के समय (शाम पांच बजे साढ़े सात बजे तक) जाम लगना समस्या हो गई है।
ऐसा भी नहीं है फल मंडी हमेशा से यही लगती रही हो। इसके पहले प्रशासन ने
इस मंडी को मुख्य मार्ग से हटवा कर नबी उल्लाह रोड पर स्थानांतरित कर
दिया था। दो महीने पहले तक यह दुकानें नबी उल्लाह रोड पर ही लग रही थी।
इसके बाद अचानक ही मंडी पहले डालीगंज चौराहे पर स्थित सूरज कुंड पार्क के
सामने लगने लगी, फिर धीरे धीरे शहीद स्मारक क्रासिंग तक पहुंच गई।
डालीगंज फल मंडी के विषय में पूछने पर नगर आयुक्त एनपी सिंह ने साफ कहा
कि उन्हें इस बारे में कोई बात नहीं करनी है।

हाई कोर्ट की मानें या डीएम की
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जागरण संवाददाता, लखनऊ : हाई कोर्ट का आदेश है कि शहर को अतिक्रमण से
मुक्त किया जाए। ऐसा ही आदेश अखिलेश सरकार ने भी जारी कर रखा है, लेकिन
जिलाधिकारी अनुराग यादव के आदेश से नगर निगम व पुलिस महकमा गफलत में है
कि वह किसका आदेश माने। जिलाधिकारी ने बिना पुर्नवास किए अतिक्रमण न
हटाने को कहा है। जिलाधिकारी के आदेश को आधार मानकर ही नगर निगम और पुलिस
महकमे चल रहे हैं और अवैध फल-सब्जी मंडियां अब उनके पोषक का केंद्र बन गई
हैं। यही कारण है कि रेजीडेंसी के फुटपाथ, लखनऊ विश्वविद्यालय के पास,
निशातगंज ओवरब्रिज और मुंशीपुलिया जैसी मंडियां सड़कों पर सज गई हैं।
डीएम का आदेश : 18 जून के अपने अ‌र्द्धशासकीय पत्र के माध्यम से डीआइजी
को जिलाधिकारी की तरफ से निर्देश जारी किए गए हैं। पटरी दुकानदारों के
संगठनों के प्रार्थना पत्रों का हवाला देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि
बगैर पुर्नवास की समुचित व्यवस्था के इस प्रकार की कार्यवाही (अतिक्रमण
हटाने की) न की जाए, साथ ही यह प्रयास किया जाए कि यातायात के सुचारू
संचालन के लिए पटरी दुकानदारों के व्यवस्थापन और सीमांकन इस प्रकार से
हों, जिससे इन परिवारों के जीवन-यापन पर कोई कुप्रभाव न पड़े।

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