Sunday, April 5, 2015

आरटीआई के आधार पर समाजसेविका की दी तहरीर पर पॉलीटेक्निक की महिला प्रवक्ता के खिलाफ आईपीसी की धारा 420/467/468/471/167 में जालसाजी का मुक़द्दमा दर्ज . समाजसेविका ने की महिला प्रवक्ता की तत्काल गिरफ्तारी की माँग .

Media-Release : आदिकाल से ही भारतीय समाज में अध्यापकों को उच्च आदर्शों का पोषक माना गया है परंतु समय के साथ इस दिशा में क्षरण होता गया है और अब स्थिति यह आ गयी है कि आज अध्यापक भी सामान्यतया न सोचे जाने बाले जघन्यतम अपराधों के आरोपी बन रहे हैं. ताज़ा मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का है जहाँ की समाजसेविका उर्वशी शर्मा की एक तहरीर पर मोहान रोड स्थित शैक्षणिक संस्था राजकीय
गोविंद बल्लभ पंत पॉलीटेक्निक में कार्यरत अँग्रेज़ी भाषा की महिला प्रवक्ता श्रद्धा सक्सेना उर्फ श्रद्धा शुक्ला के विरुद्ध थाना पारा में छल, कपट, कूटरचना, जालसाजी आदि जैसी संगीन धाराओं में मुक़द्दमा दर्ज हुआ है.


उर्वशी शर्मा ने बताया कि श्रद्धा ने उनके परिवार को क्षति पंहुचाने के दुरूद्देश्य से छल, कपट, कूटरचना और जालसाजी से एक पत्र तैयार किया था. बकौल उर्वशी उनको यह पत्र आरटीआई ( सूचना के अधिकार ) का प्रयोग करने के बाद मिला था जिसके आधार पर उन्होने थाना पारा में एक तहरीर दी थी.


लखनऊ के थाना पारा में बीते 21 मार्च 2015 को राजकीय गोविंद बल्लभ पंत पॉलीटेक्निक की अँग्रेज़ी भाषा की महिला प्रवक्ता श्रद्धा सक्सेना उर्फ श्रद्धा शुक्ला के विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 420/467/468/471/167 में एफआईआर संख्या 113/2015 दर्ज कर विवेचना उपनिरीक्षक रमेश चंद्र पांडे को सौंपी गयी है.


उर्वशी ने इस संबंध में थाना पारा के थानाध्यक्ष से मिलकर श्रद्धा की तत्काल गिरफ्तारी की माँग की है.

समाज कल्याण द्वारा समाज के वंचित वर्ग के छात्र-छात्राओं को समाज की मुख्यधारा में लाने उद्देश्य से यूपी में एकमात्र संचालित इस पॉलीटेक्निक की एक महिला अध्यापिका द्वारा इस प्रकार की जालसाजी करने के इस मामले में मुक़द्दमा दर्ज होने के बाद अब उर्वशी ने समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर "गौरतलब है कि यह महिला पूर्व विभागीय प्रमुख सचिव यूपी के आईएएस सदाकान्त
से ड्यूटी समय में चुपके-चुपके बिना प्रधानाचार्य की अनुमति के मिलती रही है ऐसे में उपरोक्त जघन्य अपराधों की अभियुक्ता इस महिला के छात्रों और छात्राओं के मध्य रहने से छात्र-छात्राओं पर गंभीर दुष्परिणाम आने की प्रबल संभावना के मद्देनज़र आपसे अनुरोध है कि श्रद्धा सक्सेना उर्फ श्रद्धा शुक्ला को तत्काल निलंबित कर उसके विरुद्ध विभागीय नियमों के तहत अनुशासनात्मक
कार्यवाही आरंभ करने एवं प्रकरण की जाँच किसी सद्चारित्र और ईमानदार अधिकारी से कराकर इस महिला के विरुद्ध की गयी विभागीय दांडिक कार्यवाही की सूचना मुझे दी जाए" लिखते हुए श्रद्धा को तत्काल निलंबित कर उसके विरुद्ध विभागीय नियमों के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की माँग भी की है.

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