Wednesday, February 4, 2015

सोशल मीडीया के माध्यम से जनता से सीधे जुड़ाव के अखिलेश के दावे झूठे !

http://upcpri.blogspot.in/2015/02/blog-post.html

यूपी के सीएम अखिलेश यादव वैसे तो टेक-सैवी होने का दावा करते रहते हैं पर इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि उनके राज में यूपी का सीएम कार्यालय और यूपी की सरकार का आज तक कोई भी आधिकारिक फ़ेसबुक अकाउंट नहीं है. ऐसी स्वीकारोक्ति सूचना विभाग ने मेरी एक आरटीआई के जबाब में की है.

यूपी सीएम कार्यालय का आधिकारिक ट्विटर अकाउंट www.twitter.com/cmoffice
सीएम द्वारा खुद नहीं अपितु सूचना विभाग के प्रमुख सचिव और निदेशक
द्वारा हेंडिल किया जाता है. अखिलेश ने इसकी आधिकारिक अनुमति भी सूचना
विभाग के प्रमुख सचिव और निदेशक को दे रखी है. और तो और जनता द्वारा
यूपी के सीएम कार्यालय के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर भेजी गयी शिकायतें
भी सीएम द्वारा खुद नहीं अपितु सूचना विभाग के प्रमुख सचिव और निदेशक
द्वारा देखकर उनका निस्तारण किया जाता है. यूपी सरकार का एक मात्र
आधिकारिक ट्विटर अकाउंट www.twitter.com/upgovt है. यूपी सीएम, यूपी
सरकार का कोई आधिकारिक फ़ेसबुक अकाउंट नहीं है.



यही नही वेबलिंक http://information.up.nic.in/cmprofile.html पर दिए
गये ट्विटर www.twitter.com/yadavakhilesh और फ़ेसबुक
www.facebook.com/yadavakhilesh अकाउंट अखिलेश के व्यक्तिगत अकाउंट हैं
न कि यूपी के सीएम के आधिकारिक ट्विटर और फ़ेसबुक अकाउंट हालाँकि ये
दोनों अकाउंट सरकारी प्रचार में धड़ल्ले से इस्तेमाल होते हैं.



मेरा सबाल यह है कि आख़िर ऐसे कैसे मिलेगा यूपी की जनता को अखिलेश से न्याय जब कि वह जनता से सीधे-सीधे जुड़े ही नहीं हैं ? मेरा तो यही कहना है कि सोशल मीडीया के माध्यम से जनता से सीधे जुड़ाव के अखिलेश के दावे झूठे हैं

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