Monday, April 2, 2012

•अमर उजाला ब्यूरो : सरकार को नहीं पता, बापू कैसे बने राष्ट्रपिता!

सरकार को नहीं पता, बापू कैसे बने राष्ट्रपिता!

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लखनऊ। राजाजीपुरम की रहने वाली 10 साल की ऐश्वर्या के सवाल ने सरकार के
माथे पर पसीने ला दिए हैं। साथ ही यह सवाल भी खड़े किए हैं कि अपने
महापुरुषों से जुड़े संदर्भों एवं प्रसंगों को लेकर देश के जिम्मेदार
कितने सतर्क हैं? ऐश्वर्या ने सूचना के अधिकार के अंतर्गत यह जानना चाहा
था कि महात्मा गांधी को किस आदेश के तहत राष्ट्रपिता घोषित किया गया था।
सवाल के जवाब में सरकार ने यह कहकर हाथ खड़ा कर दिया है उसके पास इससे
जुड़ा कोई विशिष्ट दस्तावेज उपलब्ध नहीं है।
छठीं कक्षा की छात्रा ऐश्वर्या पराशर ने 13 फरवरी को सूचना के अधिकार के
अंतर्गत प्रधानमंत्री कार्यालय से उस आदेश की फोटोकॉपी चाही थी जिस आदेश
द्वारा मोहनदास करमचंद गांधी को राष्ट्रपिता घोषित किया गया था। पीएमओ ने
ऐश्वर्या के प्रार्थनापत्र को गृह मंत्रालय को जवाब के लिए भेज दिया। गृह
मंत्रालय ने इस आवेदन को राष्ट्रीय अभिलेखागर को इस टिप्पणी के साथ भेज
दिया कि संबंधित विषय उसके अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत नहीं आता है।
राष्ट्रीय अभिलेखागार की सहायक निदेशक एवं केंद्रीय जन सूचना अधिकारी
जयप्रभा रविंद्रन ने गृह मंत्रालय के पत्र को संज्ञान में लेते हुए 26
मार्च को ऐश्वर्या को जो पत्र भेजा है उसमें उन्होंने कहा है कि भारत के
राष्ट्रीय अभिलेखागार में उपलब्ध जन दस्तावेज को ढूंढ़ने के बाद ऐसा कोई
भी विशिष्ट दस्तावेज नहीं मिला है जो महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता बनाए
जाने के आदेश से संबंधित है। हालांकि अभिलेखागार में महात्मा गांधी से
जुड़े ढेर सारे दस्तावेज मौजूद है। साथ ही उन्होंने यह भी सफाई देने की
कोशिश की है कि नियमानुसार केंद्रीय जनसूचना अधिकारी की ड्यूटी केवल
उपलब्ध दस्तावेज प्रदान करना है न कि प्रार्थी की सूचना से जुड़ा कोई शोध
करना। ऐश्वर्या के सवाल पर राष्ट्रीय अभिलेखागार ने जरूर यह प्रस्ताव रखा
है कि यदि वह चाहें तो अभिलेखागार का भ्रमण करके उपलब्ध दस्तावेज एवं
पुस्तकालय के संदर्भों से अपने प्रश्न से जुड़े मुद़्दों पर विस्तृत खोज
कर सकती हैं। नियमानुसार शोध कार्य के लिए समस्त सुविधाएं भी उपलब्ध कराई
जाएंगी।

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