लखनऊ: यूपी प्रेस क्लब में स्वयं सेवी संस्था ''येश्वर्याज सेवा संस्थान'', 'एक्शन गु्रुप फार राइट टू इनफारमेशन' तथा 'एस.आर.पी.डी.एम. समाज सेवा संस्थान' के तत्वाधान में सर्वोच्च न्यायलय द्वारा सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के सम्बन्ध में दिये गये निणर्य के परिप्रेक्ष्य में सूचना के अधिकार को मजबूती देने की नयी सम्भावनाओं की तलाश को लेकर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के आरम्भ में येश्वर्याज सेवा संस्थान की सचिव उर्वशी शर्मा ने अतिथियों को पुष्प गुच्छ भेंट करके उनका स्वागत किया। कार्यक्रम कें मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त न्यायधीश जस्टिस कमलेश्वर नाथ थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डी.डी. शर्मा ने की। कार्यक्रम में प्रदेश के सभी जिलों के 100 से अधिक आर.टी.आई. कार्यकर्ताओं ने प्रतिभाग किया। मशहूर आरटीआई वर्कर डा. नूतन ठाकुर एवं डा. डी.डी.शर्मा ने अपने उद्बोधन में उप्र में सूचना के अधिकार के वर्तमान क्रियान्वयन की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आम जनता के लिए बनाये गये इस सरल अधिकार को उत्तरोत्तर प्रक्रियागत जटिलताओं में आबद्ध करने का प्रयास किया जा रहा है। सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के सकारात्मक पक्षों पर प्रकाश डालते हुये डा. ठाकुर ने सूचना आयुक्तों की नियुक्ति में पारदर्शिता के कदम को स्वागत योग बताया एवं आह्वाहन किया कि सरकार इसे जल्द से जल्द लागू करे। प्रमुख अतिथि सेवानिवृत्त न्यायाधीश कमलेश्वर नाथ ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर प्रकाश डालते हुये सूचना के अधिकार कानून पर इसके प्रभाव की विस्तार से व्याख्या करते हुए सभागार में उपस्थित जन-समुदाय की जिज्ञासाओं को शान्त किया। जस्टिस कमलेश्वर नाथ ने निर्णय के सकारात्मक पक्षों के साथ-साथ विरोधाभासी तथ्यों पर भी विस्तार से चर्चा की। जस्टिस कमलेश्वर नाथ ने उपस्थित जनसमुदाय को सुझाव दिया कि वे प्रकरण में भारत सरकार द्वारा दायर याचिका में इण्टरवीनर (हस्तक्षेपक) बनकर अपना पूरा पक्ष रख सकते है, एवं उन्होंने यह भी कहा कि इण्टरवीनर न्यायालय से यह आग्रह करें कि रिव्यू पिटीशन की सुनवाई चेम्बर में न करके ओपन कोर्ट में की जाये। कार्यक्रम के दौरान न्यायाधीश कमलेश्वर नाथ ने येश्वर्याज सेवा संस्थान की दो भावी योजनाओं की घोषणा की। इस बारे में संस्थान की सचिव उर्वशी शर्मा ने बताया कि संस्थान ''आरटीआई आप्टिमा'' नाम से एक कार्यक्रम का आरम्भ कर रहा है, जिसमें संस्थान के सदस्य उन व्यक्तियों की तरफ से सूचनाए मांगेगे जो समयाभाव या किसी प्रकार भय आदि के कारण सूचना नहीं मांग पाते। उर्वशी ने बताया कि संस्थान का उद्देश्य है कि किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति की सूचना बिना मांगे न रह जाये। येश्वर्याज सेवा संस्थान की ओर से ''आरटीआई अवार्ड-2012'' की घोषणा की गयी है। आरटीआई अवार्ड के बारे उर्वशी ने बताया कि संस्थान द्वारा नियमित वर्गों में तो आरटीआई अवार्ड दिये ही जायेंगे, इसके अतिरिक्त देश के सभी निरक्षर, अवयस्क एवं आर.टी.आई. हेतु शहीद हुए कार्यकर्ताओं के परिवारजनों को लखनऊ बुलाकर सम्मानित किया जायेगा। कार्यक्रम का संचालन इजहार अंसारी व राम स्वरूप यादव ने किया। परिचर्चा के उपरान्त सभी कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री द्वारा सूचना के अधिकार कानून को कमजोर करने के सम्बन्ध में दिये गये बयान के विरोध में जीपीओ स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा तक शान्ति मार्च निकाला एवं महात्मा गांधी जी की प्रतिमा पर मोमबत्ती जलाकर प्रदर्शन किया। |
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Sunday, October 21, 2012
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