महात्मा गांधी कब बने राष्ट्रपिता सरकार के पास जानकारी नहीं
Source: दीपक गिडवानी
लखनऊ. महात्मा गांधी राष्ट्रपिता कब और कैसे बने इसके बारे में भारत
सरकार के पास कोई जानकारी ही नहीं है। लखनऊ की एक दस वर्षीय छात्रा ने
सूचना के अधिकार के तहत जब ये जवाब मांगा तो सरकार के पास कोई जवाब नहीं
था। कक्षा 6 में पढऩे वाली ऐश्वर्या पाराशर नाम की इस छात्रा ने एक
आरटीआई के जरिये इस सवाल का उत्तर जानना चाहा। उसने यह आरटीआई एप्लीकेशन
इस साल 13 फरवरी को प्रधानमंत्री कार्यालय में लोक सूचना अधिकारी के पास
भेजी।
हालांकि इस बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय के पास कोई सूचना नहीं थी।
इसलिए इस पूछताछ को गृहमंत्रालय को भेज दिया। मंत्रालय ने इसे अपने
अधिकार क्षेत्र से बाहर बताते हुए नेशनल आर्काइव ऑफ इंडिया (एनआईए) को
भेज दिया। एनआईए के मुख्य लोक सूचना अधिकारी जयप्रभा रवींद्रन ने
ऐश्वर्या को लिखे पत्र में कहा कि आपने जो सूचना मांगी है, उसके संबंध
में हमारे पास कोई विशेष सूचना नहीं है।
इस बात का कोई सबूत नहीं है कि महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता का दर्जा कब
मिला। हालांकि एनआईए ने ऐश्वर्या को विभाग में आने का न्योता दिया है कि
वह वहां आकर लाइब्रेरी और पब्लिक मटेरियल देख सकती है।
राष्ट्रपति को पत्र लिखेगी ऐश्वर्या
सोमवार को ऐश्वर्या ने कहा कि वह जल्द ही राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को
पत्र लिखकर यह सवाल पूछेगी कि देश के पास महात्मा गांधी के राष्ट्रपिता
के संबंध में कोई दस्तावेज क्यों नहीं है। उसका कहना है कि यह राष्ट्रहित
का सवाल है। जब तक मुझे इस पर संतोषजनक जवाब नहीं मिल जाता मैं चुप नहीं
बैठूंगी।
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