Press-release TAHRIR/01 dated 25 December 2014. LUCKNOW. अखिलेश यादव की सरकार के समाज कल्याण मंत्री अवधेश प्रसाद द्वारा छुद्र मानसिकता के तहत सार्वजनिक रूप से दिया गया वक्तव्य "परिवार, समाज के लिए बोझ हैं विकलांग" , विकलांग-जनों का अपमान है, विकलांग-जनों के मानवाधिकारों का घनघोर उल्लंघन है साथ ही साथ विकलांग-जनों को भारत के संविधान द्वारा दिए गए सम्मानजनक जीवन के अधिकार का हनन भी है, यह कहना है
सामाजिक संस्था तहरीर के संस्थापक लखनऊ निवासी सामाजिक कार्यकर्ता और इंजीनियर संजय शर्मा का l
दरअसल उत्तर प्रदेश के ये मंत्री बुधवार को फतेहपुर जिले में समाजवादी पेंशन परिचय पत्र वितरण समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।समारोह में मंच से उन्होंने सरकार की उपलब्धियां गिनानी शुरू की। इस बीच वह विकलांगों के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं को गिनाने लगे। फिर बोले कि विकलांग परिवार और समाज के लिए बोझ बने हैं।
लोक जीवन में पारदर्शिता संवर्धन, जबाबदेही निर्धारण और आमजन के मानवाधिकारों के संरक्षण के हितार्थ जमीनी स्तर पर कार्यशील संस्था तहरीर ने अपने सामाजिक दायित्वों के तहत अवधेश प्रसाद के खिलाफ एक शिकायत संयुक्त राष्ट्र संघ और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भेजकर अवधेश प्रसाद को दण्डित कराने की मांग की है और सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सूबे के राज्यपाल को
मांगपत्र भेजकर अवधेश प्रसाद को समाज कल्याण मंत्री पद से तत्काल वर्खास्त करने की मांग की है l
TAHRIR ( Transparency, Accountability & Human Rights' Initiative for Revolution ) / तहरीर (पारदर्शिता, जवाबदेही और मानवाधिकार क्रांति के लिए पहल ) , भारत में लोक जीवन में पारदर्शिता संवर्धन, जबाबदेही निर्धारण और आमजन के मानवाधिकारों के संरक्षण के हितार्थ जमीनी स्तर पर कार्यशील संस्था है l
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