http://www.india.gov.in/myindia/myindia_frame.php?id=5
Independence Day
The Independence Day of India, which is celebrated religiously
throughout the Country on the 15th of August every year, holds
tremendous ground in the list of national days, since it reminds every
Indian about the dawn of a new beginning, the beginning of an era of
deliverance from the clutches of British colonialism of more than 200
years. It was on the fateful morning of 15th August 1947 that India
was declared independent from British colonialism, and the reins of
control were handed over to the leaders of the Country. India's
gaining of independence was a tryst with destiny, as the struggle for
freedom was a long and tiresome one, witnessing the sacrifices of many
freedom fighters, who laid down their lives on the line. View the
webcast of Independence Day celebrations (External website that opens
in a new window).
Republic Day
India became a Republic when the Constitution of the Country came into
force on 26th January 1950, thereby defining it as a Sovereign
Socialist Democratic Republic with a Parliamentary form of Government,
through the Preamble. The Indian Constitution, which was adopted by
the Constituent Assembly after considerable discussions represented
the framework of the Government of the Country. Henceforth, 26th
January has been recognized and celebrated as India's Republic Day
with great ardour , and is decreed a national holiday. The event is a
constant reminder of the selfless deeds of all martyrs of the Country,
who laid down their lives in the freedom struggle and various
succeeding wars against foreign aggression. View the webcast of
Republic Day celebrations (External website that opens in a new
window).
Gandhi Jayanti
The 2nd of October is dedicated to the Father of the Nation, Mohandas
Karamchand Gandhi when the whole Nation celebrates Bapu's birthday.
This day serves to remind all Indians of the sacrifices this apostle
of peace gave, to bestow upon the country the gift of Independence.
His ideas of Non-Violent Resistance to the British colonial rule has
never failed to inspire later generations to live a life of
brotherhood in a peace loving Country. He worked extensively for the
social upliftment of the untouchables, who he called "Harijans", and
was the leader of the "Quit India Movement," which served as a final
signal of discontent to the British dominion in India.
Source: National Portal Content Management Team Last Reviewed on 25-01-2010
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राष्ट्रीय दिवस
http://bharat.gov.in/myindia/myindia_frame.php?id=5
स्वतंत्रता दिवस
भारत का स्वतंत्रता दिवस, जिसे हर वर्ष 15 अगस्त को देश भर में हर्ष
उल्लास के साथ मनाया जाता है, इसमें अनेक राष्ट्रीय दिवसों की खुशी
शामिल है, क्योंकि यह प्रत्येक भारतीय को एक नई शुरूआत की याद दिलाता
है, 200 वर्ष से अधिक समय तक ब्रिटिश उपनिवेशवाद के चंगुल से छूट कर एक
नए युग की शुरूआत हुई थी। वह 15 अगस्त 1947 का भाग्यशाली दिन था जब
भारत को ब्रिटिश उपनिवेशवाद से स्वतंत्र घोषित किया गया और नियंत्रण की
बाग डोर देश के नेताओं को सौंप दी गई। भारतीय द्वारा आजादी पाना उसका
भाग्य था, क्योंकि स्वतंत्रता संघर्ष काफी लम्बे समय चला और यह एक
थका देने वाला अनुभव था, जिसमें अनेक स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने जीवन
कुर्बान कर दिए। स्वतंत्रता दिवस आयोजनों का वेब कास्ट देखें (बाहरी
वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं)।
गणतंत्र दिवस
भारत देश एक गणतंत्र बना जब 26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागू हुआ और
इस प्रकार यह सरकार के संसदीय रूप के साथ एक संप्रभुताशाली समाजवादी
लोकतांत्रिक गणतंत्र के रूप में सामने आया भारतीय संविधान, जिसे देश की
सरकार की रूपरेखा का प्रतिनिधित्व करने वाले पर्याप्त विचार विमर्श के
बाद विधान मंडल द्वारा अपनाया गया तब से 26 जनवरी को भारत के गणतंत्र
दिवस के रूप में भारी उत्साह के साथ मनाया जाता है और इसे राष्ट्रीय
अवकाश घोषित किया जाता है। यह आयोजन हमें देश के सभी शहीदों के
नि:स्वार्थ बलिदान की याद दिलाता है, जिन्होंने आजादी के संघर्ष में
अपने जीवन खो दिए और विदेशी आक्रमणों के विरुद्ध अनेक लड़ाइयां जीती।
गणतंत्र दिवस आयोजन का वेब कास्ट देखें (बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों
में खुलती हैं)।
गाँधी ज़यंती
2 अक्तूबर का दिन राष्ट्रपिता के प्रति समर्पित है। जब देश मोहन दास
करम चन्द्र गांधी का जन्मदिन मनाता है तो वही राष्ट्र के बापू का
जन्मदिन है। यह दिन शांति के दूत की इस कुर्बानी की याद सभी भारतीय
नागरिकों को दिलाती है, ताकि वे स्वतंत्रता के इस उपहार को सच्चे
अर्थों में ग्रहण कर सकें। अहिंसात्मक प्रतिरोध द्वारा ब्रिटिश
उपनिवेशवाद कानून के प्रति कोई प्रतिरोधकता की भावना कभी असफल नहीं रही
है जिसने देश में रहने वाले नागरिकों के बीच आपसी भाई चारे का जीवन जीने
की भावना को प्रबल बनाया है। उन्होंने अस्पृश्य, जिन्हें वे 'हरिजन'
कहते थे, के सामाजिक उत्थान के लिए गहन रूप से कार्य किया है और बाद में
वे 'भारत छोड़ो आंदोलन' के नेता थे, जिसने भारत में ब्रिटिश प्रभुत्व के
प्रति असंतोष का पहला संकेत दिया।
स्रोत: राष्ट्रीय पोर्टल विषयवस्तु प्रबंधन दल
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