Story Update : Monday, July 30, 2012 1:02 AM
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लखनऊ। भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना समर्थकों के आंदोलन ने रविवार को शहर के
कई इलाकों में दस्तक दी। गत 25 जुलाई से विधानभवन के सामने चल रहे आंदोलन
को रविवार को लोगों का अच्छा समर्थन मिला। धरने में अखिल भारतीय
मताधिकारी संघ, भारत स्वाभिमान, आर्ट ऑफ लीविंग, मानवतावादी समाज पार्टी
सहित कई संगठनों के दर्जनों पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल हुए। कई प्रमुख
लोगों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ इस लड़ाई में शामिल होने की अपील की। पांच
आमरण अनशनकारियों के साथ एक दर्जन से अधिक समर्थकों ने क्रमिक अनशन किया।
शहर के कई क्षेत्रों में कार व बाइक जागरूकता रैली निकाली गई।
ट्रांसगोमती में शाम को अन्ना के तमाम समर्थकों ने कैंडल मार्च निकाला।
अन्ना आंदोलन के पुराने समर्थक मेजर (रिटायर्ड) एसएन त्रिपाठी ने कहा कि
अन्ना की लड़ाई किसी व्यक्ति या संगठन की नहीं है। यह हर भारतवासी की
लड़ाई है जो भ्रष्टाचार से परेशान है। इसलिए हम सबका फर्ज बनता है कि
आंदोलन को मजबूत करें। पुलिस विभाग की व्यवस्था से खिन्न होकर कुछ साल
पहले नौकरी छोड़कर मानवतावादी समाज पार्टी बनाने वाले आरएस मानव ने कहा
कि अन्ना हजारे युग पुरुष हैं। जिस तरह महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस,
भगत सिंह आदि ने आजादी की लड़ाई लड़ी थी उसी तरह अन्ना हमारे लिए दूसरी
आजादी की दूसरी लड़ाई लड़ रहे हैं। इस तरह कई लोगों ने आंदोलन के समर्थन
में भाषण दिए और नारे लगाए। यह सिलसिला शाम तक चला।
शहर में निकाली वाहन रैली ः अन्ना समर्थकों ने शाम को धरना स्थल से वाहन
रैली निकाली। इसमें कार, जीप के साथ दर्जनों बाइक के साथ काफी संख्या में
युवक शामिल हुए। यह रैली कैसरबाग से लविवि के सामने से आईटी चौराहा,
बादशाहनगर, फैजाबाद रोड, पॉलीटेक्निक चौराहा, वेव, फन मॉल, डालीबाग होते
हुए धरनास्थल पर समाप्त हुई। इस दौरान आईएसी कार्यकर्ताओं ने लोगों से
आंदोलन के समर्थन में आगे आने की अपील की। अन्ना समर्थकों ने एक पर्चा भी
बांटा जिसमें यह समझाने की कोशिश की गई है कि अन्ना का जन लोकपाल हमें
क्यों चाहिए! शाम को शक्तिनगर से दर्जनों महिलाओं, युवकों व बुजुर्गों ने
कैंडल मार्च निकाला। यह मार्च भूतनाथ मार्केट सहित कई लोगों इलाकोें से
गुजरा।
जमे हैं अनशनकारी ः स्वास्थ्य में गिरावट के बावजूद अखिलेश सक्सेना,
पुरुषोत्तम शुक्ल, देवीदत्त पांडेय, उर्वशी शर्मा और भुवनचंद्र पांडेय
पांचवें दिन भी आमरण अनशन पर डटे रहे। शनिवार देर रात प्रशासन के निर्देश
पर सिविल अस्पताल के एक डाक्टर ने उनका परीक्षण किया। रविवार को लालजीत
यादव, राकेश कुमार सिंह, हरिश्चंद्र विश्वकर्मा, प्रदीप पांडेय, डॉ.
सत्यव्रत सिंह, आलोक अवस्थी, रामपाल सिंह, जितेश चतुर्वेदी, शशांक कुमार,
शिवदास शुक्ल, अजमल यूसुफ खान और अनिरुद्ध कुमार ने क्रमिक अनशन किया।
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