येश्वर्याज सेवा संस्थान ने पैथोलोजी सेवाओं को पीपीपी मॉडल में परिवर्तित करने के जनविरोधी कदम को रोकने के लिए गुहार लगाई गैर सरकारी संगठन येश्वर्याज सेवा संस्थान ने प्रदेश के राज्यपाल एवं मुख्य मंत्री को ज्ञापन भेजकर छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विश्वविद्यालय,लखनऊ में पैथोलोजी सेवाओं को पीपीपी मॉडल में परिवर्तित करने के जनविरोधी कदम को रोकने के लिए गुहार लगाई है l संस्थान की सचिव उर्वशी शर्मा ने बताया कि एक ओर तो प्रदेश की जनता को सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधाएं मुहैया करने के लिए प्रदेश में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान आरम्भ करने की कवायद हो रही है वहीँ यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा आहूत वैठक दिनांक ०६ जून २०१२ में प्रदेश के एकमात्र चिकित्सा विश्वविद्यालय की १०० वर्षों से अधिक से चल रही पैथोलोजी सेवाओं को पीपीपी मॉडल में परिवर्तित करने का जनविरोधी कदम उठाया जा रहा है l उर्वशी ने कहा कि पैथोलोजी विभाग के स्टाफ एवं अन्य सुविधाओं का महत्तम उपयोग करते हुए उन कंपनियों से उपकरण लिए जाएं जो रेंटल आधार पर उपकरण लगाने को तैयार हैं किन्तु किसी भी परिस्थिति में इस प्रकार के संस्थानों के निजीकरण को रोका जाए lइस प्रकार के निजीकरण से मरीजों को जांचों के लिए कहीं अधिक शुल्क देना होगा जो एक जनविरोधी कदम होगा यही नहीं चिकित्सा विश्वविद्यालय के इस कदम से स्नातक एवं परास्नातक शिक्षार्थियों को प्रायोगिक कार्य करने में असुविधाएं होने के साथ साथ पैथोलोजी विभाग में तैनात १८ शिक्षकों , ४२ रेसिडेंट डाक्टरों एवं १५० प्रयोगशाला सहायकों आदि के समक्ष भी समस्याएँ उत्पन्न हो जायेंगी l |
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