जानकारियाँ देने से रक्षा मंत्रालय का इनकार
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पूर्व थल सेनाध्यक्ष वी0 के0 सिंह के कार्यकाल में गठित तकनीकी सहायता
विभाग से जुडी जानकारियाँ देने से रक्षा मंत्रालय का इनकार l : सूचना
सार्वजनिक होने से भारत की प्रभुता और अखंडता,राज्य की
सुरक्षा,रणनीति,वैज्ञानिक या आर्थिक हित,विदेश से सम्बन्ध पर प्रतिकूल
प्रभाव पड़ता हो या किसी अपराध को करने का उद्दीपन होने की सम्भावना !
पूर्व थल सेनाध्यक्ष वी0 के0 सिंह के कार्यकाल में गठित तकनीकी सहायता
विभाग से जुडी जानकारियाँ देने से रक्षा मंत्रालय का इनकार l : सूचना
सार्वजनिक होने से भारत की प्रभुता और अखंडता,राज्य की
सुरक्षा,रणनीति,वैज्ञानिक या आर्थिक हित,विदेश से सम्बन्ध पर प्रतिकूल
प्रभाव पड़ता हो या किसी अपराध को करने का उद्दीपन होने की सम्भावना !
Lucknow : भारतीय सेना की एक जांच के परिणाम स्वरुप जम्मू कश्मीर के एक
मंत्री को वहां की सरकार को अस्थिर करने के मकसद से करोड़ों रुपये दिये
जाने के मामले से सुर्ख़ियों में आयी सेना की तकनीकी सहायता विभाग
(टीएसडी) से सम्बंधित सूचनाएं सार्वजनिक नहीं होंगी l भारत सरकार के
रक्षा मंत्रालय ने सामजिक कार्यकत्री उर्वशी शर्मा द्वारा इस सम्बन्ध में
माँगी गयी सूचनाओं की पूर्ति करने से मना कर दिया है l
दरअसल पूर्व थल सेनाध्यक्ष वी0 के0 सिंह के कार्यकाल में गठित तकनीकी
सहायता विभाग भारत की थल सेना की एक सीक्रेट इंटेलिजेंस इकाई थी l
सामाजिक कार्यकत्री उर्वशी शर्मा ने इसी महीने की चार तारीख को रक्षा
मंत्रालय के केंद्रीय जन सूचना अधिकारी से सूचना का अधिकार अधिनियम 2005
के तहत भारत सरकार द्वारा पूर्व आर्मी चीफ जनरल वीo केo सिंह के
कार्यकाल में स्थापित सेना की एक सीक्रेट इंटेलिजेंस यूनिट तकनीकी
सहायता विभाग (टीएसडी) पर अनऑथराइज्ड अभियान चलाने , फाइनेंशियल गड़बड़ी
करने, जम्मू-कश्मीर सरकार को अस्थिर करने के लिए गतिविधियों में शामिल
रहने आदि के आरोपों आदि के सम्बन्ध में सूचना माँगी थी l
पांच बिन्दुओं की सूचना में उर्वशी ने टीएसडी यूनिट की स्थापना के आदेश
की सत्यापित प्रति,टीएसडी यूनिट की स्थापना के दिनांक से 04-10-13 तक की
अवधि में इस यूनिट को आवंटित बजट की धनराशि की वित्तीय
वर्षवारसूचना,टीएसडी यूनिट की स्थापना के दिनांक से 04-10-13 तक की अवधि
में इस यूनिट द्वारा व्यय की गयी धनराशि की मदवार एवं वित्तीय वर्षवार
सूचना,तकनीकी सहायता विभाग (टीएसडी) द्वारा अनऑथराइज्ड अभियान चलाने ,
फाइनेंशियल गड़बड़ी करने, जम्मू-कश्मीर सरकार को अस्थिर करने के लिए
गतिविधियों में शामिल रहने आदि अनियमितताओं के सम्बन्ध में सेना की ओर
से भारत सरकार को दी गई रिपोर्ट की सर्टिफाइड कॉपी एवं तकनीकी सहायता
विभाग (टीएसडी) द्वारा अनऑथराइज्ड अभियान चलाने , फाइनेंशियल गड़बड़ी
करने, जम्मू-कश्मीर सरकार को अस्थिर करने के लिए गतिविधियों में शामिल
रहने आदि अनियमितताओं के सम्बन्ध में सेना द्वारा भारत सरकार को दी गई
रिपोर्ट पर भारत सरकार द्वारा की गयी कार्यवाही से सम्बंधित अभिलेखों की
नोट शीट्स सहित सर्टिफाइड कॉपी चाँही थी ।
रक्षा मंत्रालय के अवर सचिव ( समन्वय ) राजेश चौधरी ने 10 अक्टूबर को
उर्वशी की आरटीआई को थलसेना मुख्यालय अंतरित किया था l रक्षा मंत्रालय के
अवर सचिव ( जी एस-III ) एवं सीपीआईओ देवाशीष भारदवाज ने खेद व्यक्त करते
हुए उर्वशी को सूचित किया है कि सूचना का अधिकार अधिनियम के खंड 8 (1 )(a
) के प्रावधानों के तहत सूचना की पूर्ति नहीं की जा सकती है l
गौरतलब है कि सूचना का अधिकार अधिनियम के खंड 8 (1 )(a ) के प्रावधानों
के तहत ऐसी सूचना के प्रगटीकरण की वाध्यता नहीं है जिसके प्रगटन से भारत
की प्रभुता और अखंडता,राज्य की सुरक्षा,रणनीति,वैज्ञानिक या आर्थिक
हित,विदेश से सम्बन्ध पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हो या किसी अपराध को करने
का उद्दीपन होता हो l
देवाशीष भारदवाज के उत्तर से असंतुष्ट उर्वशी का कहना है कि जो सूचना
सार्वजनिक होकर मीडिया के माध्यम से सारे संसार में पंहुच गयी है, उस
सूचना एवं उससे सम्बंधित अन्य सूचना को भारत के एक नागरिक ( उर्वशी शर्मा
) को विधिक माध्यम ( आर टी आई ) में देने से इनकार करना सही नहीं है l
उर्वशी ने बताया कि सूचना का अधिकार अधिनियम के खंड 8 (1 ) के परन्तुक के
अनुसार जो सूचना भारत की संसद को देने से इनकार नहीं किया जा सकता है, वह
सूचना देने से किसी नागरिक को भी मना नहीं किया जा सकता है l
उर्वशी ने बताया कि वे शीघ्र ही अपनी इन आपत्तियों के साथ रक्षा
मंत्रालय के निदेशक एवं अपीलीय अधिकारी एस के डोगरा के समक्ष अपील दायर
करेंगी l
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