http://navbharattimes.indiatimes.com/-/-----/articleshow/19743743.cmsअखिलेश के मंत्री अब आरटीआई की सूचना के फेर में फंसेलखनऊ।। अखिलेश सरकार के मंत्रियों की बेलगाम जुबान को लेकर विरोधी दल जहां सरकार पर हमलावर रवैया अपनाए हुए हैं, वहीं अब सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग भी कानूनी रूप से सरकार की घेराबंदी में जुट गए हैं। आरटीआई कार्यकर्ता उर्वशी शर्मा ने मुख्यमंत्री कार्यालय से राज्य सरकार के कई मंत्रियों के ऐसे ही विवादित और कानून को खुली चुनौती देते हुए दिए गए मामलों में दर्ज एफआईआर की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत मांगी है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन ने मुरादाबाद में अपने भाषण में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती पर सार्वजानिक रूप से जातिसूचक शब्द के साथ कटाक्ष किया था। अहमद हसन ने आरोप लगाया था कि विरोध न करने पर एक जाति विशेष के लोगों को ही प्रमोशन का लाभ मिलता। उर्वशी ने कहा है कि अहमद हसन का यह कृत्य महिलाओं व अनुसूचित जाति के प्रति उनकी कुत्सित मानसिकता को सिद्ध करता है। उर्वशी ने अहमद हसन के विरुद्ध अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, महिला उत्पीड़न एवं भारतीय दंड संहिता की सुसंगत धाराओं में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दर्ज कराई गयी प्रथम सूचना रिपोर्ट की सत्यापित प्रति मांगी है। इसी तरह एक अन्य मंत्री शिव कुमार बेरिया द्वारा एटा में एक कार्यक्रम के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों एवं पुलिस वालों को सरेआम धमकी देने और सार्वजानिक रूप से अपमान करने के मामले में भी प्रदेश सरकार द्वारा कराई गई जांच रिपोर्ट मांगी गई है। सांडी विधायक राजेश्वरी देवी ने तो समाजवादी पार्टी सरकार के एक साल पूरे होने पर मनाए जा रहे उपलब्धि दिवस पर कार्यकताओं को अधिकारियों को सुधारने के लिए हाथ में चप्पल उठाने की जरूरत की नसीहत दे डाली। उर्वशी ने मुख्यमंत्री कार्यालय से कहा है कि इस मामले में उस शासनादेश, अधिसूचना, नियम आदि की सत्यापित प्रति उन्हें मुहैया कराई जाए जिसके तहत एक विधायक अधिकारियों को चप्पल से मारने के लिए अधिकृत हैं। उन्होंने इस मामले में जांच और उसकी रिपोर्ट की प्रति भी मांगी है। मंत्री राम मूर्ति वर्मा के बयान, 'उत्तर प्रदेश में अपराध को कोई भी ताकत नहीं रोक सकती।' को आधार बनाते हुए उर्वशी ने प्रदेश में अपराध को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा 1 अप्रैल 12 से 24 अप्रैल 13 तक की अवधि में जारी किए गए शासनादेशों की सत्यापित प्रतियां दिए जाने का अनुरोध किया है। इसी तरह पूर्व खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री राजाराम पांडेय को मंत्री पद से बर्खास्त किए जाने के प्रकरण से संबंधित पत्रावलियों की प्रति मांगी है। गौरतलब है कि पांडेय ने प्रतापगढ़ में कहा था कि बेल्हा की सड़कें हेमा मालिनी के गालों की तरह चमकेंगी, अभी तो फेशियल हो रहा है। इससे पहले वह सुल्तानपुर की डीएम धनलक्ष्मी की खूबसूरती की सार्वजनिक रूप से तारीफ करने के कारण विवादों में आए थे। |
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Friday, April 26, 2013
अखिलेश के मंत्री अब आरटीआई की सूचना के फेर में फंसे
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