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Better Than Akhilesh
EXCLUSIVE: सीएम अखिलेश के अफसर उन्हीं की नहीं सुनते
Ashish rai | Nov 19, 2012, 06:45AM IST
लखनऊ. यूपी सरकार के अधिकारी अपने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ही नहीं
सुनते हैं। जी हां, यह चौंकाने वाला खुलासा लखनऊ की रहने वाली उर्वशी
शर्मा द्वारा दायर आरटीआई से हुआ है। उन्होंने राज्य सरकार से आरटीआई के
तहत पूछा था कि मुख्यमंत्री के पास जो शिकायतें आई हैं उस पर उनके आदेशों
के बाद अधिकारियों ने क्या कार्रवाही की है? यह सवाल 2007 में बनी बसपा
सरकार के कार्यकाल और वर्तमान की अखिलेश सरकार के अब तक के कार्यकाल को
लेकर पूछे गये थे। इसके जवाब में जो आंकड़ों में प्राप्त हुए उससे खुलासा
हुआ कि माया सरकार में कुल 60.96 फीसदी मामले निस्तारित किए गए और अखिलेश
सरकार में केवल 4.18 फीसदी।
आंकड़ों ने कुछ यूं बयां की अखिलेश सरकार की हकीकत...
बकौल आंकड़े, अखिलेश यादव सरकार और बसपा सरकार के कार्यकाल में जनता की
समस्या लगभग एक सामान ही थी। पर जब समस्याओं के समाधान की बात आती है तो
मायावती के शासन काल में जनता की समस्याओं को लेकर अधिकारी ज्यादा संजीदा
नज़र आते है। आंकडे बताते हैं कि अखिलेश सरकार से 14.56 फीसदी ज्यादा
प्रभावी ढंग से मायावती सरकार चलती थी। मायावती के अधिकारी उनके आदेश को
सब से ज्यादा सुनते थे। आंकडे बताते हैं कि अखिलेश सरकार से 14.58 फीसदी
अधिक कार्रवाही की गई थी।
आकड़ों के मुताबिक, 13/05/2007 से 17/11/2009 के बीच कुल 79086 मामले
आये। इसमें से कुल 48217 मामले उनके अधिकारियों ने निस्तारित किये हैं।
वहीं, अखिलेश सरकार के अब तक के कार्यकाल में 15/03/12 से लेकर 03/10/12
तक
कुल 94773 मामले सामने आये हैं। इन मामलों को त्वरित निस्तारित करने का
आदेश मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तरफ से दिया गया था, लेकिन उनके
अधिकारियों ने अभी तक केवल 3964 मामलों को अमली जामा पहनाया है। यानी
केवल 3964 मामलों का निस्तारण किया गया। इस तरह माया सरकार में कुल 60.96
फीसदी मामले निस्तारित किए गए और अखिलेश सरकार में केवल 4.18 फीसदी।
लखनऊ. यूपी सरकार के अधिकारी अपने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ही नहीं
सुनते हैं। जी हां, यह चौंकाने वाला खुलासा लखनऊ की रहने वाली उर्वशी
शर्मा द्वारा दायर आरटीआई से हुआ है। उन्होंने राज्य सरकार से आरटीआई के
तहत पूछा था कि मुख्यमंत्री के पास जो शिकायतें आई हैं उस पर उनके आदेशों
के बाद अधिकारियों ने क्या कार्रवाही की है? यह सवाल 2007 में बनी बसपा
सरकार के कार्यकाल और वर्तमान की अखिलेश सरकार के अब तक के कार्यकाल को
लेकर पूछे गये थे। इसके जवाब में जो आंकड़ों में प्राप्त हुए उससे खुलासा
हुआ कि माया सरकार में कुल 60.96 फीसदी मामले निस्तारित किए गए और अखिलेश
सरकार में केवल 4.18 फीसदी।
आंकड़ों ने कुछ यूं बयां की अखिलेश सरकार की हकीकत...
EXCLUSIVE: सीएम अखिलेश के अफसर उन्हीं की नहीं सुनते
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मी कान्त बाजपाई का कहना है कि हम पहले से
कहते आये हैं कि यह सरकार पूरी तरह से विफल रही है। जब भी जनता के काम को
पूरा करने की बात आई तो इस सरकार ने कोई कार्रवाही नहीं की है। सरकार का
अपनी जनता पर कोई लगाम नहीं है। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेन्द्र
चौधरी का कहना है कि माया सरकार मे लूट होती थी। इस लूट का निस्तारण उन
के अधिकारी तुरंत कर देते थे। वर्तमान की सरकार में मामलों की पूरी
छानबीन की जाती है ताकि मामलों को पूरी तरह से निस्तारित किया जा सके। इस
में थोडा समय लग रहा है।
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